दुनिया में अपने स्वार्थ और ऎषणाओं की पूत्रि्त के लिए लोग इतने जतन करते रहते हैं जितने वे सच्चे इंसान बनने के लिए ये जिन्दगी भर भी नहीं कर पाते। आज हालात यह हो गए हैं कि जिसे देखो वो भाग रहा है। पूछो तो कहेगा कि काम से फुर्सत ही नहीं। कई लोग तो ऎसे हैं जो कोई सी बात पूछो कह देते हैं कि मरने तक की फुर्सत