हम सभी लोग शराब या मदिरा की बुराई करते हैं, सब सार्वजनिक तौर पर शराब बन्दी की बात करते हैं, लेकिन शराबियों के विरूद्ध़ कुछ भी कहने का साहस नहीं रखते, यही कारण है कि शराब का प्रचलन लोक मान्यता पाता जा रहा है। हालात ये हैं कि हर जाति-वर्ग और क्षेत्र के लोगों की शादियों में बाराती प्रोसेशन के दौरान ‘झूम बराबर झूम शराबी’ वाला फिल्मी गाना बजता ही