अयोध्या- ग्रामीण पत्रकार एक सजग प्रहरी बनकर गरीबों, मजलूमों, मजदूरों, असहायों की सेवा करता है किंतु इस प्रकार की सेवाएं देने वाले सेवकों का कोई नहीं होता, आखिर ऐसा खेल कब तक चलेगा,कि एक सच्चे समाज सेवक को लोग कब तक गिरी हुई नजरों से देखा जाएगा। ग्रामीण पत्रकारिता करना मतलब जान जोखिम में डालना है एक निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकार से नफ़रत करने वालों की कमी नहीं है जबकि