डॉ वेदप्रताप वैदिक —इलाहाबाद उच्च न्यायालय के जज विवेक चौधरी बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने अपने फैसले से उस कानूनी बाधा को दूर कर दिया है, जो अंतर्धार्मिक या अन्तरजातीय विवाहों के आड़े आती है। 1954 के विवाह के विशेष कानून की उस धारा को अदालत ने रद्द कर दिया है, जिसमें उक्त प्रकार की शादी करनेवालों को 30 दिन पहले अपनी शादी की सूचना को सार्वजनिक करना जरुरी था।