संसार दो तरह के लोगों में धु्रवीकृत है। एक वे हैं जो कहते हैं कि मरने तक की फुर्सत नहीं है, दूसरे लोगों से पूछो तो कहेंगे टाईमपास कर रहे हैं। दोनों किस्मों को आदर्श नहीं माना जा सकता क्योंकि ये सारे लोग टाईम मैनेजमेंट में विफल हैं। टाईम पास करने वाले भी, और टाईम का मर्डर करने वाले भी। मनुष्य के व्यक्तिगत जीवन, व्यवहार और कर्म में संतुलन बना