हिन्दू संस्कृति को बरकरार रखने हेतु धारा 497 को बनाए रखेगी मोदी सरकार…?
देश की सर्वोच्च अदालत के प्रधान न्यायाधीश सन्माननीय जस्टिस दीपक मिश्राजीने उमर के लिहाज से अवकाश प्राप्त हने से पहले कुछ महत्वपूर्ण ऐतिहासिक फैंसले सुनाये। उन्होंने भारतीय दंड संहिता की धारा 377 रद्द करने के बाद जिस सम्बन्ध पर समाज टिका है वह विवाह से जुडी धारा 497 और सीआरपीसी की धारा 198-1 और 198-2 को भी अवैध माना। कोर्टने अपने ऐतिहासिक फैंसले में करी 158 साल पुरानी धारा 497