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अंतराष्ट्रीय मजबूत रिश्तों की मदद से भारत छू सकता है आर्थिक ऊंचाई

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लेखक – प्रो पर्व परमार अर्थशास्त्री एवं लेखक

भारत हमेशा से ही अपने अंतराष्ट्रीय रिश्तों की मजबूती पर काम करता रहा है और यही कारण है की भारत के विश्व के सभी ताकतवर देशों से मधुर संबंध है , ग्लोबल डिप्लोमेसी के परिपेक्ष में भी भारत का ऊंचा स्थान रहा है , रूस, इजरायल , अमेरिका , यू ए ई, जापान और फ्रांस जैसे बड़े और संपन्न देश भारत के अच्छे मित्र रहे है और हमारे इनके साथ अनेकों करार भी हुए है जैसे तेल और रफाएल आदि , इन रिश्तों का मजबूत होना हमारी अर्थव्यवस्था के लिए भी बहुत लाभकारी है , आज भारत उत्पाद के क्षेत्र में भी आगे बढ़ रहा है लेकिन हमारे उत्पादों का एक बड़ा हिस्सा विदेश में रह रहे लोगो के लिए भी होना चाहिए , आज ग्लोबलाइजेशन का जमाना है और हम ग्लोबल मार्केट में जी रहे है , कोरोना के बाद आए वैश्विक आर्थिक संकट से निपटने के लिए सभी देश एक दूसरे की मदद के लिए भी आगे आए और भारत के लिए यह एक सुनहरा अवसर है जब वह अपनी अर्थव्यवस्था को और मजबू करने के लिए अपने मित्र देशों की मदद लें , मदद ऐसी की हम अपने डोमेस्टिक प्रोडक्शन को उनके मार्केट में सहजता से बेच सके और कुछ हद तक उनके इंपोर्ट से भी अपने बाजार में रौनक ला सके , जैसे फ्रांस से हुए करार से हम रफाएल मिला जिसने सेना को मजबूत किया , अरब देशों से तेल और इजरायल से मिली कृषि तकनीक और संसाधनों ने निश्चित ही भारत को आर्थिक रूप से उभरने में मदद की है , चीन भले ही हमारा प्रतिद्वंदी है लेकिन आर्थिक मामले में हम चीन से काफी व्यापार करते है और अब चीन को मार्केट के मामले में टक्कर भी देते है , चीन हमसे इसीलिए अच्छे संबंध चाहता है क्योंकि विश्व का सबसे बड़ा बाजार भारत है और यह सुखद है की अफ्रीफा के अनेकों देशों का बाजार भारत की मदद से चलता है आज भारत कृषि , कपड़ा , मसालों , लोहे ,खनिज और टेक्नोलॉजी आदि इन सभी का एक्सपोर्टर है और इसीलिए इन मधुर संबंधों का लाभ हमारी और विश्वकी अर्थव्यवस्था को मिले और विश्व में हम एक दूसरे की मदद से आगे बढ़ते रहे और देशवासी खुश रहे ।

जय हिंद