डॉ. वेदप्रताप वैदिक अभी काबुल के इंटरकांटिनेंटल होटल पर हुए तालिबानी हमले का खून सूखा भी नहीं था कि दूसरा हमला इतना भयंकर हो गया कि पूरा अफगानिस्तान थर्रा गया। पहले हमले में 22 लोग मारे गए थे और इसमें 100 लोग मारे गए हैं। सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। अफगानिस्तान में शायद ही कोई दिन बीतता हो, जबकि आतंकी हमलों में लोग न मारे जाते हों। संयुक्तराष्ट्र संघ के
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