अपनी आज़ादी और साख की रक्षा पत्रकार को खुद करनी होती है। : डॉ. वेदप्रताप वैदिक
Share this articleकल दिल्ली के प्रेस क्लब में पत्रकारों का बड़ा जमावड़ा हुआ। कुछ दिन पहले एनडीटीवी के सिलसिले में भी हुआ था। मैंने ऐसा जमावड़ा पूरे 42 साल पहले यहां देखा था। 26 जून 1975 को आपात्काल की घोषणा हुई थी और उसके दो-तीन दिन बाद ही श्री कुलदीप नय्यर की पहल पर हम दो-तीन सौ पत्रकार जमा हो गए थे। आपात्काल के विरुद्ध भाषणों के बाद जब कुलदीपजी