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अवसाद को बदलें आनन्द में

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सुख-दुःख, प्रसन्नता और अवसाद तथा इस जैसी ही सम-विषम स्थितियां हर आदमी की जिन्दगी में सदैव बनी रहती हैं।  बचपन से लेकर पचपन पार हों या शतायु तक की यात्रा की हो, हर किसी के जीवन में यह क्रम हमेशा बना ही रहता है।किसी भी जीवात्मा के पूरे जीवन में सुख ही सुख अथवा दुःख ही दुःख हमेशा बना ही रहे, यह कभी संभव नहीं है। कभी सुखों का घनत्व
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