इंसानों की अनचाही और अपार भीड़ में आजकल लक्ष्यहीनों की बहार आयी हुई है। ऎसे लोग भारतवर्ष में कोने-कोने में पाए जाते हैं। अपने इलाके में भी ऎसे लोगों की पावन मौजूदगी है जिन्हें जाने किस पूर्वजन्मी पुण्य की बदौलत भगवान ने मनुष्य का शरीर नवाजा है वरना इनकी एक भी हरकत ऎसी नहीं है कि इन्हें मनुष्य बनाने या होने के लायक समझा भी जाए। आश्चर्य और दुर्भाग्य इस