कब तक चलेगा दागी नोताओ को बचाने का घिनौना खेल..?
(जी.एन.एस) ता. 13 कभी कभी देश के आम लोगो को ऐसा लगता है की यदि न्यायालय न होता तो घस देश को तो क्या कीसी भी देश का क्या होता। भारतमें लोकतंत्र है। न्यायालय में अभी घतनी दखलअंदाजी नही। फिर भी कभी कभी ये बातें खुद न्यायातंत्र से जूडे सन्माननीय जजो द्वारा कही जाती है की सरकार हस्तक्षेप न करे। सुप्रिम कोर्ट आखिर कीतनी बार सरकार या सरकारों के फटकार