काबुलः भारत चुप क्यों हैं ?
Share this articleडॉ. वेदप्रताप वैदिक — अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के प्रयास आजकल जितने जोरों से हो रहे हैं, शायद पिछले तीस साल में कभी नहीं हुए। कभी काबुल, कभी इस्लामाबाद, कभी दोहा, कभी तेहरान, कभी मास्को, कभी वाशिंगटन डीसी और अब नई दिल्ली में भी नेता और अफसर लगातार मिल रहे हैं। अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत जलमई खलीलजाद