Share this articleदेश के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को कोई चैन की नींद भी लेने नहीं देता. भारत की आझादी के कुछ ही महीनो में उनकी हत्या हो गई. नाथूराम गोडसे ने गाँधी को तीन गोलिया मारी और राष्ट्रपिता हे राम कह कर वही ढेर हो गए थे. इतने साल के बाद कोर्ट में किसीने यह कहा की गोली गोडसे ने नहीं किसी और ने चलाई इसलिए इसकी जांच होनी चाहिए.