21 वीं सदी में हो रहा है कुछ नया नया….चुनाव जो जितना है पगले…..! कुछ भी करूंगा….
चुनाव होना है भारत में और मोदीजी वोट मांगने जाये अफ्रिका….ऐसा सुना है कभी…??
अमरिका में हाउडी मोदी के बाद अब नमस्ते प्रेसि. ट्रम्प…..होने जा रहा है गुजरात में….!!
बैसबोल खेल खेलनेवाले देश के राष्ट्रपति दुनिया को नजराना देंगे सब से बडे क्रिकेट स्टेडियम का…!
(जीएनएस., प्रविण घमंडे), दि. 17
दुनिया के सब से ताकतवर देश अमरिका के सब से ज्यादा पावरफुल प्रेसिडेन्ट भारत आ रहे है. इरान-इराक समेत कई देश उससे कांपते है.
डोनाल्ड ट्रम्प उनका नाम है.
वैसे तो इसी देश के मि. प्रेसिडेन्ट बराक हुसैन ओबामा मोदी सरकार के पहले दौर में 26 जनवरी के जश्न में शरिक होने के लिये भारत आये थे. भारत ने 2020 के 26 जनवरी के जश्न के लिये ट्रम्प को न्यौता भेजा था लेकिन ट्रम्प नहीं आये. लेकिन अब वे आ रहे है. और अब वे भारत के गणतंत्र के जश्न में नहीं लेकिन गणतंत्र अमरिका के चुनाव में फिर से जितने के लिये अमरिका में रहते मूल भारत के एनआरआइ और खास कर गुजराती मतदाताओं को रिझाने के लिये हाउडी ट्रम्प कार्यक्रम के तहत भारत के गुजरात के अहमदाबाद में आ रहे है. उनकी मुलाकात के पीछे गुजरात सरकार भारत सरकार कितना पैसा खर्च कर रही है उसके आंकडे भी मिडिया में आ रहे है. ट्रम्प के स्वागत के लिये मोदी सरकारने नमस्ते प्रेसि. ट्रम्प…का स्लोगन दिया है., पहले केम छो ट्रम्प…..ऐसा सूत्र दिया गया. लेकिन वह गुजराती शब्द होने से उसे दूर कर नमस्ते शब्द का प्रयोग कर नया सूत्र दिया गया ताकि नोनगुजराती भी समझ सके.
वसुधैव कुटुम्बकम में मानने वाले भारत में सभी का स्वागत है…ट्रम्पजी का भी स्वागत है. लेकिन क्या कभी ऐसा हुआ है या सुना है की भारत में आम चुनाव हो और भारत के प्रधानमंत्री अमरिका या जहां जहां भारत के लोग बसे गये वहां वहां उस देश में जा कर वोट के लिये गये हो………?
जवाब ना ही हो सकता है. लेकिन यहां तारक महेता का उल्टा चश्मा…..की तरह क्या हो रहा है….? चुनाव अमरिका में होने है इसी वर्ष अगले प्रेसिडेन्ट के लिये. और अमरिका में बसे भारतीय, विशेष कर गुजराती मतदाताओं को रिझाने के लिये ट्रम्पजी अमरिका में जहां जिस राज्य में भारतीय रहते वहां जाने की बजाय भारत आ रहै है…..गुजरात आ रहे है….साबरमती के किनारे आ रहे है…..चीन के राष्ट्रपति की तरह…..! वेलकमजी….वडकमजी….भले पधार्याजी….!
कहते है न की नेताजी वोट के लिये कुछ भी करते है. हाल ही में भारत के आम चुनाव में देश ने देखा कि एक प्रत्याशी ने वोट के लिये एक परिवार के घर जा कर उसके ढोटे बच्चे को गले लगाया और जब उसने शौच कर दिया तो विडियो उतार कर उसकी पोट्टी भी साफ की….! हांलांकि अमरिका में ऐसा होता है या नहीं ये तो कीसे मालुम…लेकिन यहां तो वे दुनिया के सब से बडे क्रिकेट स्टेडियम का उदघाटन भी करेंगे. उनकी मुलाकात को आधिकारिक बनाने के लिये स्टेडियम का उदघाटन कार्यक्रम जोड दिया गया हो और उसी स्टेडियम में करीब एक लाख से ज्यादा लोग जिस में क्रिकेटप्रेमी कितने होंगे ये तो वे ही जाने लेकिन उसमें कुछ वे लोग भी हो सकते है जो अमरिका में एनआरआइ औॅर एनआरजी समुदाय पर् प्रभुत्व रखते हो….!
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी कुछ समय पहले अमरिका के दौरे पर थे तब वहां ट्रम्पजीने हाउडी मोदी…यानि कैसे हो मोदी…..के कार्यक्रम सिरकत कर मंच पर मोदी का साथ दिया. और अब मोटेरा स्टेडियम पर मोदीजी ट्रम्पजी को साथ देंगे. जाहिर है कि ट्रम्पजी, गुजरात की धरती पर गुजरातीओ की भूरी भूरी प्रशंसा करेंगे जिसका प्रतिघोष वहां के चुनाव में दिखाइ देंगा. हो सकता है कि वे सरदार पटेल को भी याद करेंगे. क्योंकि अमरिका में रह रहे गुजरातीओ में सब से ज्यादा पटेल समुदाय से है.
कुछ मीठा हो जाय….की तरह कुछ नया हो जाय… की तरह नया होने जा रहा है. चुनाव होने है अमरिका में और वोट मांगे जा रहे है गुजरात में….! उसी तरह जिस अमरिका का क्रिकेट के खेल में कुछ खास योगदान नहीं उस अमरिका के प्रेसिडेन्ट गुजरात में दुनिया के सब से बडे क्रिकेट स्टेडियम का उदघाटन करेंगे…..!
है न मजे की बात……? क्रिकेट के खेस में जितना ज्यादा नाम वेस्टइंडिज और ओस्ट्रेलिया या भारत या न्यूझीलेन्ड का है उतना ही कम नाम अमरिका का है….! क्या कहता है इतिहास…..
दुनियाभर में क्रिकेट का जलवा देखने को मिलता है लेकिन ऐसे कुछ देश हैं जो क्रिकेट के जादू से खुद को दूर ही रखते हैं.. जहां भारत, पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश क्रिकेट के रंग में डूबे रहते हैं वहां कुछ देश खुद को इससे दूर रख पाते हैं।
भारत समेत एशियाई देशों में तो क्रिकेट को बहुत पसंद किया जाता है लेकिन फिर भी चीन और जापान जैसे देश खुद को इससे दूर ही रखते हैं। इस लिस्ट में दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका का नाम भी शामिल हैं। सभी क्रिकेटप्रेमी ये जानते हैं कि अमेरिका ने कभी भी क्रिकेट का जलवा नहीं देखा…..!!
अमेरिका का राष्ट्रीय खेल क्रिकेट नहीं है. भारत का भी राष्ट्रीय खेल क्रिकेट नहीं है, फिर भी भारत में गली नुक्कड पर क्रिेकेट खेला जा रहा हो तो कइ लोग अपना व्हीक्ल खडा कर उसे देखेंगे. अमरिका का राष्ट्रीय खेल बेसबॉल है यह खेल बल्ले और गेंद से खेला जाने वाला एक अमेरिकी खेल है.
सबसे पहले बेसबॉल खेल को 1846 में इंग्लैंड में खेला गया था पर उत्तरी अमेरिका ने वास्तविक रुप से इसमें कुछ परिवर्तन करके इसे नए रुप दिया और 19वीं शताब्दी के अंत में यह संयुक्त राज्य अमेरिका का नेशनल गेम घोषित हो गया.
खबरों की मानें तो आईसीसी ने संयुक्त राज्य अमेरिका क्रिकेट एसोसिएशन को साल 2007 में निलंबित कर दिया था। प्रशासन के साथ कुछ समस्याओं की वजह से अमेरिका को बाहर किया गया था लेकिन साल 2008 में फिर से इसे पास कर दिया गया।
अब अमेरिका में धीरे-धीरे क्रिकेट को बढ़ावा मिल रहा है। खुद सचिन तेंदुलकर और दुनिया के कई दिग्गज खिलाडियों ने अमेरिका में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए इस देश में क्रिकेट खेला था।
कुछ मतभेदों की वजह से अमेरिका को क्रिकेट से दूर कर दिया गया लेकिन अब कोशिश की जा रही है कि अमेरिका भी क्रिकेट का जलवा देखे और इस विश्व प्रसिद्ध खेल में हिस्सा ले। देखते हैं इस बारे में अमेरिका क्या करता है।
मोटेरा स्टेडियम को क्रिकेट के लिये ओपन कर ट्रम्प हो सकता है कि अपने देश अमरिका को भी यह संदेश देना चाह रहे होंगे की बेसबोल की तरह क्रिकेट की ओर भी ध्यान दो…..!!