Share this articleसमय हाथ की मुठ्ठी में बंद रेत के समान है. ज्यो ज्यो मुठ्ठी कसकर रेत को दबानेका प्रयास होता है वह मुठ्ठी से गिरती जाती है. समय भी ऐसा ही है. २०१७ पूरा होने को है और नया साल भारत और विश्व के दहलीज पर दस्तक दे रहा है. कुछ ही समय में नया साल शुरू भी हो जाएगा और जिन्दगी चलती रहेंगी. बीते साल पर एक नजर