चक्रवृद्धि ब्याज की तरह बढ़ रहा पावर कारपोरशन का घाटा
सर्तक न हुए तो बिजली मोहकमें का निजी हाथों में जाना तय ठोस उपाय नही कर पा रहा उर्जा मंत्रालय लखनऊ । उत्तर प्रदेष पावर कारपोरशन कुव्यवस्था, अपव्यय,आवश्यकता से अधिक बिजली खरीद,सरकारी संस्थानों से बकाया वसूली न करने जैसे कई कारणों के कारण लगातार धाटे में है। 2001 में एफआरपी के अनुसार 77 करोड़ का धाटा अब 88000 करोड़ पहुच चुका है। यह घाटा चक्रवृद्धि ब्याज की तरह बढ़ रहा