जीवन में ऐसा कोई बड़े से बड़ा दुःख नहीं, जिसके पीछे सुख की परछाईं न देखी जा सके
(जी.एन.एस) ता. 26 नई दिल्ली विवेकानंद योगाश्रम, खुरेजी में यज्ञ अनुष्ठान के अवसर पर आचार्य विक्रमादित्य ने कहा कि दुःख में सुख, हानि में लाभ और प्रतिकूलताओं में अच्छे अवसर खोज लेना सकारात्मक दृष्टिकोण से ही संभव है। जीवन में ऐसा कोई बड़े से बड़ा दुःख नहीं, जिसके पीछे सुख की परछाईं न देखी जा सके। मंदिर मौन स्थल, प्राचीन शिवालय दरियागंज में सत्संग के दौरान माता ज्ञानमती ने कहा