जुनैद की हत्या और सच्चा हिंदुत्व : डॉ. वेदप्रताप वैदिक
कल दिल्ली समेत देश के कई शहरों में अकस्मात ही कई प्रदर्शन हुए। इन प्रदर्शनों में न लोगों को ढोकर लाया गया, न उन्हें किसी नेता या संगठन ने बुलाया और न ही उन्होंने कोई जोशीले नारे लगाए। ये स्वतः स्फूर्त प्रदर्शन कुछ उसी तरह के थे, जैसे कि निर्भया के बलात्कार के बाद हुए थे। इन प्रदर्शनों की उपेक्षा कैसे की जा सकती है ? ये हुए हैं, 15