दिल्ली HC ने तेजाब हमले की शिकार 5 महिलाओं व एक किन्नर को दी नौकरी
(जी.एन.एस) ता 28 नई दिल्ली सिखा देती है चलना ठोकरें भी राहगीरों को। कोई रास्ता सदा दुश्वार हो ऐसा नहीं होता। कहीं तो कोई होगा जिसको अपनी भी जरूरत हो। हरेक बाजी में दिल की हार हो ऐसा नहीं होता।’ शायर निदा फाजली की ये पंक्तियां उन महिलाओं के जीवन से भी जुड़ी लगती हैं, जिन्हें प्यार और खुशी के बदले तेजाब मिला। दुख में आंखों से निकलते आंसू दर्द