Share this articleसामाजिक जीवन धाराओं में आज बुजुर्गों के प्रति नई पीढ़ी का नज़रिया बदल सा गया है। इसका मूल कारण पारिवारिक संस्कारों की कमी के साथ ही यह भी है कि आज का इंसान हर किसी को वस्तु समझने लगा है और जब व्यक्ति किसी को भी वस्तु समझने लगता है तब वह लाभ-हानि और भाव-ताव में माहिर हो जाता है। आत्मघाती है स्वार्थकेन्दि्रत सोच आज अधिकतर लोगों की