द्वितीयकाशी शिवशक्ति का द्वार शिवद्वार हुआ गुलजार पहले सोमवार से
सोनभद्र । सोनञ्चल में शैवसाधना के प्रमुख केन्द्र सातवीं शताब्दी की चिर प्रतिष्ठित व अतिप्राचीन शिवा- शिव संपृक्त प्रतिमा के मंदिर प्रशाल में उमड़ा जनसैलाब काँवडियों , श्रद्धालुओं , शिवभक्तों का। भोर चार बजे हुई मङ्गला आरती के बाद कतारबद्ध हुए काँवडियों का लगा रेला जलाभिषेक करने का। 1986 में आरम्भ इस काँवड़ यात्रा परम्परा के शुरुआत करने की भी अचंभित कथा है मात्र दो लोगों के आपसी वार्ता के