पितृपक्ष में आत्मा की शांति के लिए 15 दिनों तक किया जाता है तर्पण
(जी.एन.एस) ता.24 सिलीगुड़ी भाद्रपद पूर्णिमा से आश्विन अमावस्या तक 15 दिनों की विशेष अवधि में श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। श्राद्ध को पितृपक्ष और महालया के नाम भी जाना जाता है। इस साल यह 24 सितंबर से 8 अक्टूबर तक रहेगा। इस संबंध में आचार्य पंडित यशोधर झा ने बताया कि साल के किसी भी पक्ष में जिस तिथि को परिजन का देहांत हुआ हो तो उनका श्राद्ध कर्म उसी