“प्राइवेट स्कूल का मास्टर: सम्मान से दूर, सिस्टम का मज़दूर”
प्राइवेट स्कूलों में शिक्षकों से उम्मीदें तो आसमान छूती हैं, लेकिन उन्हें न तो उचित वेतन मिलता है, न सम्मान, न छुट्टी और न ही सुरक्षा। महिला शिक्षक दोहरी ज़िम्मेदारियाँ उठाती हैं, वहीं शिक्षक दिवस के दिन सिर्फ प्रतीकात्मक सम्मान मिलता है जबकि सालभर उनका शोषण जारी रहता है। अभिभावक, स्कूल प्रबंधन और सरकार तीनों ही इस शोषण को नजरअंदाज़ करते हैं। शिक्षक के अधिकारों की कोई बात नहीं करता,