Share this article (जीएनएस) बांदा । कोरोना की संभावित तीसरी लहर में ज्यादातर बच्चों के चपेट में आने की आशंका जताई जा रही हैं। इन्हीं को ध्यान में रखकर शासन-प्रशासन की महामारी से निपटने की तैयारी है, लेकिन सबसे बड़ी आफत बाल रोग विशेषज्ञों की कमी है। इस कमी को सर्जन, गायनको, मेडिसिन, हड्डी और नेत्र रोग जैसे विभागों के विशेषज्ञों से दूर किया जा रहा है। उन्हें ऑनलाइन प्रशिक्षण