बाराबंकी : देश में दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में उ0प्र0 का प्रथम स्थान
पशुपालन भारतवर्ष की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के अनवरत विकास को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। प्राचीनकाल में पशुपालन ही आर्थिक विकास का परिचायक रहा। जिस व्यक्ति/परिवार के पास जितने अधिक पशु रहते थे, वह उतना आर्थिक सम्पन्न व्यक्ति माना जाता था। पशुओं से दुग्ध उत्पादन के साथ-साथ खेती करने के लिए बैल भी होते थे। दुग्ध उत्पादन मानव जीवन के विकास की सीढ़ी रही है। मनुष्य अपने विकास