भारत में कानूनी मदद पर प्रति व्यक्ति खर्च महज 0.75 रुपए है: रिपोर्ट
Share this article(जी.एन.एस) ता.10 नई दिल्ली दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एस. मुरलीधर ने कहा कि कानूनी मदद मुहैया कराने वाले वकील मानवाधिकार के रक्षक हैं और जरूरत है कि उन्हें भी लोक अभियोजकों के स्तर का भुगतान किया जाए। राष्ट्रमंडल मानवाधिकार पहल (सीएचआरआई) की रिपोर्ट ‘सलाखों के पीछे उम्मीद?’ से पता चला है कि भारत में कानूनी मदद पर प्रति व्यक्ति खर्च महज 0.75 रुपए है। रिपोर्ट में यह