मतदाताओं का मौन खतरे का संकेत
भारत चुनाव के उस दौर से गुजर रहा है जो देश की दशा और दिशा का तय करेगा। यह तय है कि किसी भी दल के बारें में उनके अपने कार्यकर्ता और समर्थकों के अलावा आम वोटरों में शतप्रतिशत विश्वास का संकट है। 2014 के लोकसभा चुनाव की अपेक्षा यह चुनाव काफी गम्भीरता पूर्ण माहौल के बीच सम्पन्न होता दिख रहा है। मतदाताओं का मौन राजनैतिक दलों के लिए खतरें