मनरेगा : किसी गरीब की थाली में रोटी कम न हो
देश में करीब तीस से चालीस करोड़ लोग गरीबी रेखा के निचे अपना जीवन जी रहे है। उसमे से ज्यादातर गरीब लोग देहात और गावो में बसते है, यूपीए के शाशनकाल में ग्रामीण गरीब बेरोजगारों को एक साल में 100 दिन रोजगार गारंटी के साथ देने की एक योजना शुरू की गई थी जिसे ‘नरेगा’ और बाद में महात्मा गाँधी का नाम उसके साथ जोड़ कर उसे ‘मनरेगा योजना’ नाम