Share this article डॉ. वेदप्रताप वैदिक — राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुखों की मुलाकात को जितना महत्व खबरपालिका में मिलना चाहिए था, नहीं मिला। मेरी राय में श्री मोहन भागवत और मौलाना अर्शद मदनी की इस भेंट का महत्व ऐतिहासिक है। ऐसा इसलिए भी है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इधर कई बार कह चुके हैं कि आरएसएस और नरेंद्र मोदी हिटलर और मुसोलिनी के नक्शे-कदम