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ये न हों तो जीने का मजा ही क्या

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– डॉ. दीपक आचार्य एकरसता भरा जीवन हमेशा एकतानता से इतना अधिक भरा हुआ रहता है कि किसी को जीने का कोई मजा ही नहीं आ सकता। यही कारण है कि भगवान ने हर क्षण को परिवर्तनशील बनाया है और यह परिवर्तन पिण्ड से लेकर ब्रह्माण्ड तक को प्रभावित करता है। जो बदलाव ब्रह्माण्ड में आते हैं वे जीव मात्र या प्रकृति के किसी भी जड़ और जीवन्त तत्व या
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