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राज्यपालों का कौशल कलंक

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अनिल मिश्र हम फर्क की बात करते है सच तो यह है कि प्रत्येक राजन्ैतिक दल का चाल चरित्र चेहरा एकसा होता है कब कहां पटरी से हट जाये इसे हम विश्व के महान चिंतक वर्नाट शाह के कथन से जान सकते है। उनके अनुसार समाज का कोई व्यक्ति निकृष्ट से निकृष्ट कार्य करता है मै उसके बारे में सोचता हू लेकिन जब कोई व्यक्ति राजनीति में प्रवेश करता है
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