Share this articleसमाज-जीवन से लेकर राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय क्षितिज पर हम कहीं भी रहें, मानवीय मूल्यों व राष्ट्रीय चरित्र का भान जरूर रखें। राष्ट्रीय चरित्र ही एकमात्र ऎसा ब्रह्मास्त्र है जो जीवन पद्धति से लेकर देश तक को उन्नति के शिखर पर पहुँचा सकता है जैसा कि अर्वाचीन काल में हमारे पुरखों ने कर दिखाया। यह अकेला इतना सक्षम है कि बड़े से बड़े आदमी को कभी गिरने नहीं देता।