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राहुल बजाज ने गृहमंत्री से किया सवाल…क्या अब उनके आगे भी “देशद्रोही” “पूर्व” लग जायेगा…..?

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-बुलंद नहीं, सहमें हुये भारत की बुलंद आवाज-हमारा बजाज…हमारा बजाज…!
-क्लीनचिट देने से इनकार करनेवाले अशोक लवासा के खिलाफ कया जांच हो रही है…?
-उद्योगपति राहुल ने बजाज स्कूटर को स्टार्ट कर दिया है…यदि उसे गति मीली तो……? हो सकता है की कीसे के नाम के आगे “पूर्व” लग जाय…..!!
-सरकार मान रही है की लोगों में डर है, देश सहमा हुआ है, सरकार को ऐसे ईवेन्ट में ऐसा सुनना पड रहा है ईसलिये कुछ…… ये वही भारत है जिसने इन्दिरा गांधी की इमरजन्सी के दौरान मौन रखा और जैसे ही चुनाव आये तो….
-मोब लिचिंग के बारे में 49 हस्तियोंने मोदी सरकार को अपना मान खुल्ला खत लिखा. नतीजा….? देशद्रोही….?

(जी.एन.एस., प्रविण घमंडे
जिसने कांग्रेस के आपातकालीन स्थिति-इमरजन्सी का जमकर भरपूर राजनीतिक उपयोग किया उस दल की प्रचंड बहुमतवाली सरकार में आखिर ऐसा क्या हो गया कि सरकार के खिलाफ बोलने के लिये जानेमाने उद्योगपति राहुल बजाज को अगुवाई लेनी पडी और सरकार के बडे नुमाईंदे अमित शाह को खरी खरी सुनाई की लोग सरकार से डरे हुये है, सरकार की आलोचना को न जाने सरकार कैसे लेंगे इसका डर लग रहा है. ….!
राहुल बजाज भारत के उद्धयोग समूह की एक जानीमानी हस्ती है. राहुल को एक समय भाजपाने भी समर्थन दे कर उन्हें राज्यसभा में बिठाया था. तत्कालीन पीएम मनमोहनसिंग सरकार की भी वे जमकर आलोचना करते थे लेकिन कभी ये नहीं कहा की हमे सरकार से डर लगता है….!
मोदी.02 सरकार में आखिर ऐसा क्या हो गया कि बडे समूह में से सरकार को और वह भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खास अमित शाह को बडे ईवेन्ट में ही सवाल कर डाला….? अमित शाह ने हो सकता है की अपने आप को काफी कन्ट्रोल करते हुये कहना पडा और मानना पडा के यदि ऐससा है तो हम उसमें सुधार करेंगे….! शाहजीने ये नहीं कहा की….नाजी ना, ऐसी कोइ बात नहीं है..ये सब विपक्ष की चाल है. उन्हों ने कहा की हम सुधार करेंगे. मतलब सरकार मान रही है की लोगों में डर है, देश सहमा हुआ है, सरकार को ऐसे ईवेन्ट में ऐसा सुनना पड रहा है ईसलिये कुछ न कुछ तो करना पडेगा….!
सरकार को क्या करना है….? देश में पिछले पांच साल और मोदी-2 के कुछ ही महिनों में ऐसा महौल कैसे बन गया कि सरकार के खिलाफ आवाज उठानेवाला का हाल बुरा होंगा….? मोब लिचिंग के बारे में 49 हस्तियोंने मोदी सरकार को अपना मान खुल्ला खत लिखा. नतीजा….? सभी के खिलाफ देशद्रोह का अपराध दर्ज हो गया….!
लोकसभा चुनाव के वक्त मोदी को भंग के मामले में क्लीनचिट देने से इनकार करनेवाले अशोक लवासा के खिलाफ कया जांच हो रही है…? उनके पुत्र को क्यों ईडी या अन्य जांच एजन्सीयां समन्स कर रही है…? लवासा ने यदि कुछ गलत किया हो या किया था तो वे चुनाव आयोग तक पहुंचते ही नहीं. क्लीनचीट से पहले क्यों नहीं जांच शुरू की गई…? मोदी के खिलाफ गये तो जांच शूरु…..?
साहब, ये है डर…! यदि बडी बडी हस्तियां को नहीं छोडा गया परेशान करने में तो हमारा क्या होंगा…..? नहीं…नहीं… सरकार के खिलाफ बोलना छोड दो. सरकार की वाह वाही करे. हम बोलेंगे तो बोलेंगे की बोलता है….! आम आदमी खामोश. लेकिन बुलंद भारत के, सोरी सहमे हुये भारत में बुलंद आवाज गूंजी-हमारा बजाज……हमारा बजाज…..!
कीसी ने तो राजा से कहा की महाराज आप अच्छे वस्त्र नहीं पहने, लेकिन वस्त्र ही नहीं पहनें है……! राहुल बजाज ने आवाज उठाई. हो सकता है कि अब उन्हें केन्द्र की कीसी जांच एजन्सी से समन्स मिले- आईये हमारे दफतर….और कुछ सवालों के जवाब दिजिये…..! ऐसा नहीं हो सकता है , ऐसा बोलने के लिये कोई तैयार नहीं होगा. क्योंकि ऐसा हुआ है. महाराष्ट्र के चुनाव में शरद पवार को ऐसे ही दबाया गया ईडी के जरिये, और नतीजा….? सिंह भी गेला…गढ भी गेला…..! भाजपा के हाथ से एक महत्वपूर्ण राज्य सरक गया.
राहुल बजाज शरद पवार नहीं है. इसलिये वे भाजपा को सियासी मैदान में हरा नहीं सकते. लेकिन उन्हों ने सरकार के खिलाफ आवाज क्या उठाई, आवाजें आ रही है-हमारा बजाज….हमारा बजाज…..! कीसी ने तो बोला…..कीसी ने तो आवाज उठाई…..ये है प्रतिक्रिया राहुल के बोलने पर.
सरकार को जनप्रिय होना पडेगा. चुनाव में वोट मिल गये, सरकार बन गई तो लोग सरकार के सभी फैंसले पर सहमत हो ऐसा मानलेने की आवश्यक्ता नहीं. लेकिन प्रचंड जीत के बाद ये मानना की जनता ने हमें अनगिनत सत्ता दे दी है…और हम 50 साल राज करने के लिये आये है…ऐसी सोच, शैाचालय में बैठे बैठे अच्छी लगती है. ये वही भारत है जिसने इन्दिरा गांधी की इमरजन्सी के दौरान मौन रखा और जैसे ही चुनाव आये उसे पूर्व प्रधानमंत्री बना दिया. इतना ही नहीं इसी इन्दिरा को इसी जनता ने फिर एक बार सत्ता की बागडोर सौंपी थी.
आज राहुल बोले…कल कोइ कोमनमेन राहुल बोलेंगा…..मंझिल को चला था जानिबे एकेला, लोग आते गये कारवां बनता गया……! उद्योगपति राहुल ने बजाज स्कूटर को स्टार्ट कर दिया है…यदि उसे गति मीली तो……? हो सकता है की कीसे के नाम के आगे “पूर्व” लग जाय…..!!
राहुल बजाज की सीटी को जिसने सुन कर जिसने उस में आवाज मिलाई, आईये उन पर एक नजर….
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर इस समय उद्योगपति और बजाज समूह के चेयरमैन राहुल बजाज ट्रेंड कर रहे हैं. कारण? राहुल बजाज ने गृहमंत्री अमित शाह से सवाल करते हुए कहा था कि मौजूदा सरकार ने डर और अनिश्चिचतता का माहौल बना दिया है. लोगों को सवाल पूछने या सरकार की आलोचना करने की अनुमति नहीं है.
राहुल बजाज खुलकर सरकार पर अपनी बात रखते रहे हैं. इस साल की शुरूआत में कंपनी की 12 वीं एनुअल जनरल मीटिंग में उन्होंने मांग और निजी निवेश के गिरते स्तर को लेकर सरकार की आलोचना की थी.
राहुल बजाज के इस स्टेटमेंट पर उन्हें लोगों का सपोर्ट मिला है. ट्विटर पर यूजर्स #HamaraBajaj और #RahulBajaj हैशटैग के साथ अपना रिएक्शन दे रहे हैं.
रोहिणी सिंह ने लिखा जब कॉरपोरेट जगत के दिग्गज यूपीए सरकार को ज्यादा नंबर दे रहे थे, राहुल बजाज ने तब भी सरकार पर सवाल उठाए थे और अब भी वह सवाल उठा रहे हैं.
एक्टर स्वरा भास्कर ने भी राहुल बजाज की तारीफ करते हुए लिखा, ‘आवाज उठाने के लिए बस एक बहादुर शख्स चाहिए. आपके लिए बहुत सम्मान है मिस्टर बजाज.’
विशाल ददलानी ने लिखा कि राहुल बजाज इकलौते ऐसे बिजनेसमैन हैं जो सरकार से सच बोलने की हिम्मत रखते हैं.
आकाश बनर्जी ने लिखा, ‘राजीव बजाज पहले उद्योगपति थे जिन्होंने नोटबंदी को गलत बताया था. वैसे ही आज उनके पिता, राहुल बजाज ने अमित शाह से सीधे-सीधे सवाल पूछ लिया.’
राहुल बजाज के बहाने कांग्रेस का सरकार पर हमला
कांग्रेस ने भी ट्विटर पर राहुल बजाज का वीडियो शेयर किया है. कांग्रेस ने लिखा, ‘राहुल बजाज अपनी ईमानदारी और साहस के लिए अलग से जाने जाते हैं.’
कांग्रेस नेता और एक्टर उर्मिला मातोंडकर ने लिखा कि देश को राहुल बजाज जैसे और लोग चाहिए जो आवाज उठाना जानते हैं.
जर्नलिस्ट स्वाति चतुर्वेदी ने लिखा, ‘राहुल बजाज रॉकस्टार हैं. नोटबंदी को गलत बताने वाले भी पहले राजीव बजाज थे.’