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रुपानी सरकार ने पत्रकारों को 50-50 हजार की रिश्वत दी “अच्छे कवरेज” के लिए..!

राजकोट कलेक्टर ने अपनी सिग्नेचर से 8 पत्रकारों को 50-50 हजार के चेक दिए..!

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(जी.एन.एस) ता. 02
गांधीनगर, प्रविण घमंडे
गुजरात में भाजपा के मुख्यमंत्री विजय रुपानी सरकार द्वारा उनके होम टाउन राजकोट शहर में 26 जनवरी गणतंत्र दिवस कार्यक्रम की :अच्छी: कवरेज के लिए चुने हुए 8 पत्रकारों को 50-50 हजार की राशि बाकायदा चेक के जरिये देने का मामला बाहर आया है। 8 में से एक दिव्य भास्कर दैनिक अखबार ने ये मामला उजागर किया है। 8 पत्रकारों में से एक इस अखबार के के पत्रकार जिग्नेश वैद का भी नाम था। अखबार ने अपने पत्रकार के नाम राजकोट कलेक्टर के हस्ताक्षर से लिखा गया 50 हजार के चेक की फोटो भी प्रसिध्ध की है। यानि राजकोट के कलेक्टर रेमया मोहन ने बाकायदा अपनी सिग्नेजर के साथ 8 पत्रकारों को 50-50 हजार के चेक दिए है….!!! जिसे एक प्रकार की रिश्वत के रूप में देखा जा रहा है।

एक अखबार ने चेक की फोटो के साथ भन्डा फोड़ा..!

गुजरात में इस बार गणतंत्र दिवस राजकोट शहर में मनाया गया था। स्थानीय मिडिया द्वारा इसे सामान्य की तरह ही कवरेज दिया गया था। लकिन जिल्ला कलेक्टर ऑफिस ने अच्छी कवरेज के लिए 8 पत्रकारों को चुना। और सभी आठो के नाम सरकारी चेक 50-50 हजार के तैयार कर दिए। जिसमे दिव्य भास्कर नामक दैनिक अखबार के पत्रकार जिग्नेश वैद के नाम का भी 50 हजार का चेक था। ३० जनवरी को लिखे गये इस चेक की फोटो छाप कर अखबार ने रुपानी सरकार में किस तरह से मिडिया को बाकायदा रिश्वत दे कर भ्रष्ट करने का प्रयास किया गया उकी सनसनीखेज रिपोर्ट छाप कर एक ओर तो रुपानी सरकार खुद भ्रष्टाचार के खिलाफ आधी पिच पर आकर खेल रहे होने का दावा कर रहे है तो दूसरी ओर उनके ही कलेक्टर द्वारा 8 पत्रकारों को 50-50 हजार की रिश्वत चेक के जरिये दे कर रुपानी सरकार की बोलती बंद कर दी…!

सीएम रुपानी ने हाल ही में सेखी मारी थी की भ्रष्टाचार के खिलाफ वे आधी पिच पर खेल रहे है..!

इस अखबार ने यह भी बात लोगो के सामने लाइ की गणतंत्र दिवस जो की सरकारी आधिकारिक कार्यक्रम है और उसका बजट भी आवंटित किया जाता है, फिर भी स्थानीय स्तर पर कलेक्टर और अन्य सरकारी अधिकारियों ने बड़े कारोबारी, डेयरी संस्थाए आदि से अन-ओफिसिअल तौर पर लाखो रूपये लिए थे। सवाल ये है की क्या कलेक्टर या अधिकारी गणतंत्र या १५ अगस्त जैसे सरकारी कार्यक्रम के लिए कारोबारी-सहकारिता संस्था, व्योपारी-दुकानदार आदि से पैसे ले सकते है क्या…? जब सरकार करोडो रूपये देती है ऐसे कार्यक्रमों के लिए तब कलेक्टर कारोबारियों से किस आधार पर चन्दा इक्कठा करते है…?

अब उनके ही कलेक्टर ने बाकायदा रिश्वत दे कर आधी पिच पर खेल रहे सीएम को बिना गेंद क्लीन बोल्ड कर दिया…!

अखबार ने 50 हजार की रिश्वत वाली न्यूस 8 कालम में छाप कर भाजपा और रुपानी सरकार के मुह पर चांटा लगाया है की भ्रष्टाचार के खिलाफ आधी पिच पर खेल रहे सीएम विजय रुपानी इस मामले में बिना गेंद के क्लीन बोल्ड आउट हो गये है…!
सूत्रों की माने तो किसी कलेक्टर द्वारा अपने सिग्नेचर से पत्रकारों को चेक के जरिये रिश्वत देने का शायद ये भारत का पहला ही मामला होंगा..! 8 पत्रकारों को 50-50 हजार के चेक अच्छी खबर लिखने के लिए देने के मामले से भाजपा और सीएम रुपानी सरकार के खिलाफ कई सवाल खड़े हो गये है और सरकार खुद सवालों के घेरे में आ गई है।