रूप बदल फिर बज उठी अमरोहा में ढोलक की थाप
(जी.एन.एस) ता 11 अमरोहा ढोलक के बिना देसी संगीत अधूरा है। शादी-ब्याह से लेकर तीज-त्योहार तक बिन ढोलक बात नहीं बनती। लेकिन वृक्ष कटाई पर रोक और आम-सीसम की लकड़ी के महंगे होने से ढोलक उद्योग बंद होने की कगार पर पहुंच गया है। लेकिन अब हालात तेजी से सुधर रहे हैं। यह मुमकिन हुआ है पोपलर की लकड़ी के कारण। अमरोहा में वाद्य यंत्रों के कारखानों की संख्या 215