Share this articleवे इसलिए दुःखी नहीं हैं कि भगवान ने उन्हें सुख नहीं दिया। उनका एकमात्र दुःख यही है कि और लोग सुखी क्यों हैं। विशेषकर पावन कहे जाने वाले अपने क्षेत्र में ऎसे लोगों की जबर्दस्त भरमार है। जो बेचारे बहुत दुःखी हैं और उनके दुःख का निवारण करने का सामथ्र्य किसी में नहीं है। सुख और दुःख की प्राप्ति के पौराणिक मनोविज्ञान से नासमझ ये लोग कभी इस