Home युपी उत्तर-प्रदेश वाराणसी, उत्तर प्रदेश विभिन्न परियोजनाओं के शिलान्यास, उद्घाटन और राष्ट्र को समर्पित...
वाराणसी, उत्तर प्रदेश विभिन्न परियोजनाओं के शिलान्यास, उद्घाटन और राष्ट्र को समर्पित करने के अवसर पर प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ
(GNS),23 हर हर महादेव! मंच पर विराजमान उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री श्रीमान योगी आदित्यनाथ जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी महेंद्र नाथ पांडेय जी, उपमुख्यमंत्री श्रीमान ब्रजेश पाठक जी, बनास डेयरी के चेयरमैन शंकरभाई चौधरी, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्रीमान भूपेंद्र चौधरी जी, राज्य के अन्य मंत्रीगण, जनप्रतिनिधिगण और काशी के मेरे परिवार से आए भाइयों और बहनों। काशी के धरती पर आज एक बार फिर आप लोगन के बीच आवे का मौका मिलल है। जब तक बनारस नाहीं आइत, तब तक हमार मन नाहीं मानेला। दस साल पहले आप लोग हमके बनारस क सांसद बनइला। अब दस साल में बनारस हमके बनारसी बना देलेस। भाइयों और बहनों, आप सभी इतनी बड़ी संख्या में आए हैं, हमें आशीर्वाद दे रहे हैं। ये दृश्य हमें गदगद कर देता है। आप लोगों के परिश्रम से आज काशी को नित्य नूतन बनाने का अभियान लगातार जारी है। आज भी यहां 13 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया गया है। ये प्रोजेक्ट, काशी के साथ-साथ पूर्वांचल के, पूर्वी भारत के विकास को गति देंगे। इसमें रेल, रोड, एयरपोर्ट से जुड़े प्रोजेक्ट हैं, इसमें पशुपालन, उद्योग, स्पोर्ट्स, कौशल विकास इससे जुड़े कई प्रोजेक्ट्स हैं, इसमें स्वास्थ्य, स्वच्छता, आध्यात्म, पर्यटन, एलपीजी गैस, अनेक क्षेत्रों से जुड़े अनेकविद् काम हैं। इससे बनारस समेत पूरे पूर्वांचल के लिए नौकरी के बहुत सारे नए अवसर बनेंगे। आज संत रविदास जी की जन्मस्थली से जुड़े अनेक प्रोजेक्ट्स का भी यहां से लोकार्पण हुआ है। मैं इन सारी परियोजनाओं के लिए आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। साथियों, काशी और पूर्वांचल में कुछ भी अच्छा होता है, तो मुझे आनंद होना बहुत स्वाभाविक है। आज बड़ी संख्या में मेरे नौजवान साथी भी आए हैं। कल रात को मैं सड़क के रास्ते बाबतपुर से BLW गेस्ट हाउस आया हूं। कुछ महीने पहले जब मैं बनारस आया था, तो फुलवरिया फ्लाईओवर का लोकार्पण करके गया था। बनारस में ये फ्लाईओवर कितना बड़ा वरदान बना है, ये साफ दिखाई देता है। पहले अगर किसी को BLW से बाबतपुर जाना होता था, तो लोग लगभग 2-3 घंटा पहले घर से निकल जाते थे। पहले मंडुवाडीह पर जाम, फिर महमूरगंज पर जाम, कैंट पर जाम, चौकाघाट पर जाम, नदेसर पर जाम, यानी जितना समय फ्लाइट से दिल्ली जाने में नहीं लगता था, उससे ज्यादा फ्लाइट पकड़ने में लग जाता था। लेकिन एक फ्लाईओवर ने ये समय आधा कर दिया है। और कल रात तो मैं खास वहां जा करके हर चीज को देख कर आया हूं, उसकी व्यवस्था को समझ करके आया हूं। पैदल चल करके देर रात गया था। ऐसे ही बीते 10 साल में बनारस के विकास की स्पीड भी कई गुना बढ़ी है। अभी थोड़ी देर पहले यहां सिगरा स्टेडियम के पहले चरण के काम का लोकार्पण भी किया गया है। बनारस के युवा खिलाड़ियों के लिए आधुनिक शूटिंग रेंज का भी लोकार्पण किया गया है। इनसे बनारस औऱ इस क्षेत्र के युवा खिलाड़ियों को बहुत मदद मिलेगी। साथियों, यहां आने से पहले मैं बनास डेयरी के प्लांट में गया था। वहां मुझे अनेक पशुपालक बहनों से बातचीत करने का मौका मिला। किसान परिवारों की इन बहनों को 2-3 साल पहले हमने स्वेदशी नस्ल की गीर गाय दी थीं। मकसद ये था कि पूर्वांचल में बेहतर नस्ल की स्वदेशी गायों को लेकर जानकारी और बढ़े, किसान को-पशुपालकों को इससे फायदा हो। मुझे बताया गया है कि आज यहां गीर गायों की संख्या लगभग साढ़े तीन सौ के करीब तक पहुंच चुकी है। संवाद के दौरान हमारी बहनों ने मुझे ये भी बताया कि पहले जहां सामान्य गाय से 5 लीटर दूध मिलता था, अब गीर गाय 15 लीटर तक दूध देती है। मुझे ये भी बताया गया- एक परिवार में तो ऐसा मामला सामने आया है कि एक गाय तो 20 लीटर तक दूध देने लग गई है। इससे इन बहनों को हर महीने हजारों रुपयों की अतिरिक्त कमाई हो रही है। इसके कारण हमारी ये बहनें ये भी लखपति दीदी भी बन रही हैं। और ये स्वयं सहायता समूह से जुड़ी देश की 10 करोड़ बहनों के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है। साथियों, बनास डेयरी प्लांट का शिलान्यास मैंने 2