शिमला का वैभव बचाने के लिए NGT का बड़ा फैसला
(जी.एन.एस) ता. 18 शिमला राजनेताओं के वोट बैंक से इतर आखिर किसी ने तो शिमला की सुध ली। अंग्रेजी हुकूमत के दौरान मात्र 65 हजार की आबादी के लिए बसी छोटी सी पहाड़ी नगरी ने अपने कंधों पर जनता से इतना अधिक बोझ डाल यिा था कि पहाड़ ही नहीं बल्कि बाशिंदों की रूह भी कांपने लगी थी। वीरवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का यहां निर्माण पर रोक का ऐतिहासिक