संसदका न चलना सब जिम्मेवार ,सरकार सब से ज्यादा
संसद को लोकतंत्र का मंदिर कहा जता है.संसद देश के आम आदमी की आखरी आश होती है। कहीं सुनवाई न हो तो संसद में तो होगी ऐसी सभी को आश रहती है। लेकिन इसबार ऐसा हुआ की बजट सत्र का दूसरा भाग बिना कोई कामकाज के पूरा हो गया।पीएनबी घोटाला,कावेरी जल विवाद, आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दरज्जा देने की मांग और अन्य मामले को लेकर २१ दिन शोरशराबा