हीटवेव: भारत के लिए बढ़ता हुआ सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट
— डॉ. सत्यवान सौरभ — भारत में हीटवेव अब केवल मौसमी असुविधा नहीं, बल्कि एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट बन चुकी है। वर्ष 2024 में हीटवेव की आवृत्ति और तीव्रता रिकॉर्ड स्तर पर पहुँची, विशेषकर उत्तर-पश्चिम भारत में। अत्यधिक तापमान के कारण डिहाईड्रेशन, हीट स्ट्रोक, श्वसन व हृदय संबंधी बीमारियों में वृद्धि हुई है, जिससे बुजुर्गों, बच्चों, निम्न आय वर्ग और बाहरी श्रमिकों पर असमान रूप से प्रभाव पड़ा है।