17 साल केस चलने के बाद 500 रुपये जुर्माने की सजा!
(जी.एन.एस) ता 17 नई दिल्ली कहते हैं- जस्टिस डिलेड इज जस्टिस डिनाइड, यानी न्याय में हुई देरी अन्याय है! 18 साल की उम्र में चोरी के केस में आरोपी बने एक गरीब युवक को 17 साल तक पुलिस और कोर्ट के चक्कर लगाने पड़े लेकिन केस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सका, आखिरकार आरोपी ने अदालत के आगे प्लीड गिल्टी (गुनाह स्वीकार) किया, तब जाकर उसका मुकदमे से पिंड छूटा।