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सब जगह है रोजड़ों की धींगामस्ती

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रोजड़ों से सारी दुनिया हैरान-परेशान है। रोजड़ों के पास न कोई हुनर है, न बुद्धि। फिर भी कोई रोजड़ा ऎसा नहीं दिखता जो मरियल हो। हर रोजड़ा हृष्ट-पुष्ट और जबर्दस्त ताकतवर होता है। पुल्लिंग, स्त्रीलिंग रोजड़े हों या नपुंसक लिंगी रोजड़े। इनकी धमाल में कहीं कोई अन्तर नहीं। रोजड़ों के लिए क्या जंगल और क्या खेत-खलिहान या बस्तियाँ। रोजड़ों के लिए पूरी दुनिया ही उनका वह आँगन है जहाँ वे
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