आजकल कोई दूसरी वाणी सुनाई दे या नहीं, लेकिन भौंकने की आवाज हर जगह आसानी से सुनी जा सकती है। गली-मोहल्लों, चौराहों, सर्कलों, जनपथों से लेकर राजपथों, झोपड़ियों से लेकर महलों तक, बाड़ों, बंगलों काम-धंधों और फुरसतिया स्थलों से लेकर हर जगह भौंकने वालों की पावन मौजूदगी दर्शनीय है। पहले जमाने में काम करने वाले लोग हुआ करते थे और भौंकने वालों की संख्या कम हुआ करती थी। आज काम
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