दारूल क़ज़ा को इस्लामी अदालत कहना ग़लत : मौलाना खालिद रशीद
लखनऊ। दारूल क़ज़ा को इस्लामी अदालत का नाम देकर अवाम के अन्दर भ्रम फैलाने का काम किया जा रहा है। ये निहायत ही अफसोसनाक और निंदनीय है। मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली नाज़िम दारूल उलूम फरंगी महल ने जुमे के खुत्बे में किया। उन्होंने कहा कि इस्लामी अदालतें सिर्फ इस्लामी देशों में स्थापित है जहां सिर्फ घरेलू झगड़े ही नहीं बल्कि सिविल और क्रिमनल केसों को भी इस्लामी क़ानून के