व्यवस्था में बदलाव आया : प्रो. वीरेंद्र सिंह चौहान
(जी.एन.एस) ता. 09 पानीपत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में तेजी से बढ़ता भारत कुछ निराशावादी और नकारात्मक तत्वों को अच्छा नहीं लग रहा। अपने ही देश की तरक्की से आहत होने वाले ऐसे तत्वों को प्रधानमंत्री ने उनकी प्रवृत्ति को शल्य प्रवृत्ति करार दिया है। ऐसे तत्वों को बेनकाब करने के लिए समाज के रचनात्मक लोगों को आगे आना होगा। हरियाणा ग्रंथ अकादमी के डिप्टी चेयरमैन और ग्रामोदय अभियान