टूटे जबड़े के साथ सिर्फ़ कुंबले ही खेल सकते थे
(जी.एन.एस) ता. 17 क्रिकेट की जिस दुनिया में ज़्यादातर बातें छिपी रहती हैं, वहां कुंबले सामने आए और हेड कोच के पद से हटने की वजह भी बताई. जिस साफ़गोई से वो बोलते हैं, उनकी गेंदें भी उसी सफ़ाई से बोला करती थीं. सीधी-सपाट लाइन लेंग्थ और बिना थके गेंदबाज़ी करने वाले कुंबले का पूरा करियर कई उपलब्धियों से सजा रहा है. लेकिन उनके जीवन के कुछ वाकये हैं, जिनका