गरीबी का ये आलम और भुखमरी से निपटने की लचर कवायद
(जी.एन.एस) ता. 23 सत्तर के दशक में मशहूर नाटककार गुरुशरण सिंह का लिखा एक नुक्कड़ नाटक ‘हवाई गोले’ बहुत चर्चित हुआ, जिसमें लोकतंत्र की विडंबनाओं को उजागर किया गया था। नाटक में भूख से हुई मौत को छिपाने के लिए सरकारी अफसरों द्वारा किया गया दावा कि उसने ‘सूखे पत्तों का साग खाया था’ बरबस पिछले दिनों हकीकत बनता हुआ दिखा, जब झारखंड के सिमडेगा जिले के कारीमाटी गांव की