महोत्सव में झारखंड की 200 साल पुरानी परंपरा और विरासत की जलक
(जी.एन.एस) ता.27 रांची झारखंड के लोकनृत्य और शास्त्रीय गायन को सुन श्रोता भावों से भर गए। परंपरा और संस्कृति का अद्भूत मिश्रण कलाकारों ने जब मंच पर बिखेरा तो हर कोई मंत्रमुग्ध हो उठा। झारखंड की पावन संस्कृति, लोक कला, परंपरा और विरासत की यह शाम भारत भवन के बहिरंग में देखने मिली। यहां आयोजित झारखंड महोत्सव के दूसरे दिन भी कलाकारों ने अपनी प्रतिभा और नायाब प्रस्तुतियों का जलवा