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ये संसद है या कोई बाग बगीचा आजम खान ने क्या समझ रखा है..!?

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(जी.एन.एस) ता. 26किसी ने क्या खूब कहा है…ये आँखे देख कर हम सारी दुनिया भूल जाते है… और एक गीत ये भी है-ये रेशमी जुल्फे ये शरबती आँखे इन्हें देख कर जी रहे है सभी…! ये गीत सुनमें सुमधुर लगते है ये गीत बाग़ बगीचे में बहारो के साथ सुननेमे दिल को अच्छे लगते है लेकिन जब इसी गीत के किसी शब्द को लेकर लोकतंत्र के मंदिर समान लोकसभा में
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